शरद पूर्णिमा 2021 - 19 October 2021
खीर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री सामग्री और उनका अनुपात :
मूल्य
- 10 किलो देशी गाय का दूध 10 x 60 = 600
- एक किलो टुकड़ी चावल - धो कर भिगोये हुए 1 x 50 = 50
- 1.5 किलो देशी खांड (नोट : चीनी हानिकारक है ) 1.5 x 80 = 120
- 25 इलाइची - मिक्सी में पीसी हुई 25 x 1 = 25
- 100 ग्राम चिरोंजी = 220
- तीन सूखे नारियल - कद्दूकस किये हुए 3 x 40 = 120
- 150 ग्राम (खीरा, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, पेठा ) = 300 (optional)
- दशमूल क्वाथ,सौंठ,काली मिर्च,वासा,अर्जुन की छाल चूर्ण,तालिश पत्र चूर्ण,वंशलोचन,बड़ी इलायची,पिप्पली = ( good to have )
- पेपर प्लेट, चम्मच = 100
- केवल लोहे की बड़ी कढाई
- पलटा या बड़ा चम्मच
- गैस चुल्हा और सिलिंडर और माचिस = 50
कुल अनुमानित लागत = 1335 Rs
खीर बनाने में सावधानिया :
- गरम तासीर के सूखे मेवे जैसे बादाम और काजू नहीं डालने
- किशमिश की तासीर खट्टी होती है इसलिए लम्बे समय तक नही टिक पायेगी।
- खीर को चांदनी रात में रखते समय ध्यान रखें कि खीर रखने के लिए कभी भी स्टील, एल्यूमिनियम, प्लास्टिक, चीनी मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने पर आपकी सेहत प्रभावित हो सकती है।
- लगातार चम्मच से हिलाते रहें ताकि खीर जले नहीं
खीर बनाने की विधि :
- लोहे की कढाई में दूध गर्म करके उसमे भिगो के रखे हुए चावल डाल दे
- चावल पकने पर उसमें कद्दूकस किया हुआ सुखा नारियल मिला दें |
- सुखा नारियल पकने पर देशी खांड डाल दें और चम्मच से हिलाते रहें
- अब इसमें चिरोंजी , और मगज (खीरा , खरबूजा , तरबूज , ककड़ी , पेठा ) डाल दें
- खीर ठंडी तासीर की बनानी है तो पांचों मगज डाल दो (खीरा , खरबूजा , तरबूज , ककड़ी , पेठा ) । मगज धो कर छिलका उतार कर डालना थोड़ी देर पहले भिगो लेना ।
- खीर बनने पर अंत में इलाइची मिला दें
- शरद पूर्णिमा के दिन खीर किसी चांदी के बर्तन में रखें। यदि चांदी का बर्तन घर में मौजूद न हो तो खीर के बर्तन में एक चांदी का चम्मच ही डालकर रख दें।
- इसके अलावा आप खीर रखने के लिए मिट्टी, कांसा या पीतल के बर्तनों का भी उपयोग कर सकते हैं।
- शरद पूर्णिमा को देसी गाय के दूध में दशमूल क्वाथ,सौंठ,काली मिर्च,वासा,अर्जुन की छाल चूर्ण,तालिश पत्र चूर्ण,वंशलोचन,बड़ी इलायची,पिप्पली इन सबको आवश्यक मात्रा में मिश्री/खांड मिलाकर पकायें और खीर बना लेंI
खीर खाने की विधि :
- खीर को कम से कम 2 घंटे के लिए चन्द्रमा के प्रकाश में रख दें ।
- खीर में ऊपर से शहद और तुलसी पत्र मिला दें ,अब इस खीर को ताम्बे के साफ़ बर्तन में रात भर पूर्णिमा की चांदनी रात में खुले आसमान के नीचे ऊपर से जालीनुमा ढक्कन से ढक कर छोड़ दें और अपने घर की छत पर बैठ कर चंद्रमा को अर्घ्य देकर, अब इस खीर को रात्रि जागरण कर रहे दमे के रोगी को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त (4-6 बजे प्रातः) सेवन कराएं I इससे रोगी को सांस और कफ दोष के कारण होने वाली तकलीफों में काफी लाभ मिलता है I
- उस दिन के लिए कोई अन्य भोजन नहीं पकाएं, केवल खीर खाएं । हमें देर रात को भारी आहार नहीं लेना चाहिए इसलिए तदनुसार खीर खाएं ।
- शरद पूनम की रात में रखी गयी खीर को देवताओं को भोग लगाने के बाद अगले दिन प्रसाद रूप में नाश्ते में भी ले सकते है ।
- ये प्रशाद सभी को दे ताकि सभी को इस औषधि का लाभ मिल सके |
- रात्रि जागरण के महत्व के कारण ही इसे जागृति पूर्णिमा भी कहा जाता है ,इसका एक कारण रात्रि में स्वाभाविक कफ के प्रकोप को जागरण से कम करना हैI इस खीर को मधुमेह से पीड़ित रोगी भी ले सकते हैं, बस इसमें मिश्री की जगह प्राकृतिक स्वीटनर स्टीविया की पत्तियों को मिला दें । उक्त खीर को स्वस्थ व्यक्ति भी सेवन कर सकते हैं , इसके सेवन करने से साइनोसाईटीस जैसे उर्ध्वजत्रुगत (ई.एन.टी.) से सम्बंधित समस्याओं में भी लाभ मिलता है Iकई आयुर्वेदिक चिकित्सक शरद पूर्णिमा की रात दमे के रोगियों को रात्रि जागरण के साथ कर्णवेधन भी करते हैं ,जो वैज्ञानिक रूप सांस के अवरोध को दूर करता है I तो बस शरद पूर्णिमा को पूनम की चांदनी का सेहत के परिप्रेक्ष्य में पूरा लाभ उठाएं बस ध्यान रहे दिन में सोने को अपथ्य माना गया है।
खीर खाने के लाभ :
- शरद पूर्णिमा की खीर खाने से अस्थमा ठीक होता है
- इसके अलावा तपेदिक, हृदय रोग, किडनी समस्या, सिरदर्द, आँखों के रोग, पीलिया जैसे कई रोग दूर होते हैं।
- शरद पूनम रात आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है । इसलिए सबको इस रात को जागरण करना चाहिए अर्थात जहाँ तक संभव हो सोना नही चाहिए और इस पवित्र रात्रि में मंत्रो का जाप , ध्यान, कीर्तन करना चाहिए ।
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